Monday, March 22, 2021

Comics & You Ep-01

एक दिन अचानक, 

हुआ कुछ यों की शोध के दौरान कॉमिक्स जगत मे रह रह कर एक नाम मिल रहा था जो वर्तमान कॉमिक्स जगत के जरिए हमारा बचपन लौटने के लिए प्रतिबद्ध था। कई दशकों पहले संजय दत्त की “रुद्राक्ष” सिनेमा देखी थी। यह नाम करीब करीब हर कॉमिक्स के पुनर्मुद्रण मे पुनः रंगसज्जा मे मिल जाता था। तुलसी कॉमिक्स का पुनः प्रकाशित होना आने वाले समय का परिचायक था। ललित पालीवाल, राकी सिंह ने मानो कमर कस ली थी की अब समय का पहिया घुमाकर बीता हुआ कल फिर से लाना है। अंगारा, जंबू ने फिर से पाठकों का ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया, बाज की नज़रों से भला कौन छुपा है आज तक। किस्मत के धनी हवलदार बहादुर भी हवालात मे सड़ाने की अभिलाषा लिए मनोज कॉमिक्स, अब कॉमिक्स इंडिया के सौजन्य से पाठकों के बीच मे लौट आया है। शक्ति पुत्र की आहट भी सुनाई पड़ रही है, जो राधा कॉमिक्स की खोई हुई दुनिया से लौटने को बेताब है।

रुद्राक्ष नाम अपने रहस्यमयी होने का आभास दिला रहा था। उत्सुकतावश, मन मे सिनेमा वाली कपोल कल्पना ने मूर्त रूप लेना शुरू कर दिया। फिर मन मे आया की क्यों न अंतर्जाल (Internet) के सामाजिक माध्यम (Social Media) का सहारा लिया जाए। गाहे बगाहे, मार्क जुकेरबुर्ग के सौजन्य से मुख पुस्तिका (Facebook) मे रुद्राक्ष चौधरी नाग राज के दर्शन मिल गए।

ये एक नाटकीय मोड़ था, वो रहस्यमयी छायापुरुष जो पाठकों के जीवन मे रंग भरने मे माहिर था, वो और कोई नहीं मेरे बचपन का सहपाठी निकला। कभी अपने आपको नागराज से प्रेरित, ये महानुभाव कॉमिक्स संकलन मे तल्लीन हुआ करते थे। कालांतर मे जीविकोपार्जन के संघर्ष मे संपर्क टूट गया था। मित्रों का पुनर्मिलन, ये बाबा गोरखनाथ की कृपया थी या देव कालजयी का आशीर्वाद, इसका अंतर बतला पाना कठिन कार्य है। फिर क्या था, दूरभाष यंत्र ने मिलने मे सहजता प्रदान कर दी।

दिन का समय था, Coloring Passion के स्टूडियो मे मुलाकात हुई, बचपन जीवंत हो उठा, जीवन के उतार चढ़ाव के बीच के समय मानो रुक सा गया था। कॉमिक्स जगत के निरंतर यात्रा के बारे मे विस्तृत चर्चा हुई। आनेवाले समय मे कई आश्चर्यों पाठक परिचित होंगे। रुद्राक्ष जी ने अपना जीवन कॉमिक्स जगत को समर्पित कर दिया है। इनके रंगसज्जा से पुनरमुद्रित कॉमिक्स के पात्र जीवंत हो उठते हैं। किस्से कहानियों के रोचक दुनिया के सफर मे बचपन की महक फिर से ताजा हो उठी। समय कब बीता, ये पता न चल पाया। हालाँकि, बंधुवर ने अपनी कलाकारी वाली कॉमिक्स मे अपने हस्ताक्षर करके ये अनमोल भेंट उपहार स्वरूप मुझे प्रदान की।

मैंने  अपने बचपन के जुनून को कॉमिक्स जगत की उन्नति की ओर शोध का कार्य शुरू किया है, इस परिश्रम मे रुद्राक्ष जी ने अपनी भागीदारी बखूबी निभाई है।

पूर्ण साक्षात्कार के लिए कृपया क्लिक करें : https://youtu.be/sht5DY3z8FU

प्रबुद्ध पाठकों से विनम्र निवेदन है कॉमिक्स जगत की भलाई मे वो भी अपनी अमूल्य राय नामांकित करें।

अपनी राय साझा करने के लिए कृपया क्लिक करें : https://forms.gle/ZSisTd5m8u7Do5nu8

इस महत्वपूर्ण प्रयास में आपकी सहायता के लिए धन्यवाद ।

भारतीय कॉमिक्स का चलचित्र उद्यम

 कोशिश... हर पहला कदम नामुमकिन सा लगता है हर पल ठोकर से मंजिल दूर होता लगता है जरूरी नहीं की हर पल बुलंदी कदम चूमे हौसला रखना अपना फर्ज होता...